बिलासपुर बिना जांच अब जिले के उन किसी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर नहीं होगी, जो बिलासपुर प्रेस क्लब के सदस्य हैं। ऐसे पत्रकारों के खिलाफ कोई भी गंभीर शिकायत होती है तो एसएसपी रजनेश सिंह एफआईआर करने से पहले डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित करेंगे, जिसमें बिलासपुर प्रेस क्लब की कार्यकारिणी से नामित एक सदस्य को शामिल किया जाएगा। प्रेस क्लब से नामित सदस्य के सामने पूरी जांच होगी और जांच में आरोप सही पाए जाने पर ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। यह सर्कुलर एसएसपी ने जारी किया है। दरअसल, शुक्रवार की शाम बिलासपुर प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिलीप यादव के नेतृत्व में कार्यकारिणी और सदस्यों ने कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह से मुलाकात की। अध्यक्ष यादव ने कलेक्टर अग्रवाल और एसएसपी सिंह को बताया कि कुछ सालों में पत्रकारों के खिलाफ लगातार एफआईआर हो रहे हैं, जिनमें कुछ प्रेस क्लब के सदस्य भी हैं। इससे पत्रकारों में समाचार कवरेज को लेकर चिंता होना लाजिमी है। कुछ मामले ऐसे भी आए हैं, जो फर्जी पाए गए हैं, जिसके चलते पुलिस और पत्रकारों के बीच खाई बढ़ जाती है। अध्यक्ष यादव ने एसएसपी को बताया कि हाल ही हमने एक मामले को लेकर आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें पत्रकारों के खिलाफ हुए हमले के अलावा एफआईआर की बात सामने आई, जिसे लेकर पत्रकारों में आक्रोश देखा गया। आपात बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि अब किसी भी प्रेस क्लब के मेंबर के खिलाफ बिना जांच एफआईआर नहीं करने की मांग पुलिस प्रशासन से की जाएगी। पुलिस को अगर शिकायत मिलती है तो प्रेस क्लब जांच में सहयोग ही करेगा। इसलिए किसी भी मेंबर के खिलाफ शिकायत की जांच करने के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनाई जाए और इसमें प्रेस क्लब की कार्यकारिणी से नामित एक मेंबर को शामिल किया जाए। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो एफआईआर की जाए। एफआईआर होते ही संबंधित मेंबर की सदस्यता समा’ करने की कार्रवाई प्रेस क्लब की कार्यकारिणी करेगी। एसएसपी सिंह ने प्रेस क्लब द्बारा पारित प्रस्ताव का स्वागत किया और तत्काल उन्होंने फोन पर मातहत को निर्देश दिए कि उनके नाम से एक सर्कुलर जारी किया जाए, जिसमें बिलासपुर प्रेस क्लब के मेंबर के खिलाफ मिली की शिकायत की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। उनके साथ प्रेस क्लब की कार्यकारिणी से नामित एक सदस्य शामिल होंगे, जिनकी मौजूदगी में पूरी जांच होगी। हालांकि इस सदस्य को हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं होगा। एसएसपी ने प्रेस क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यों को आश्वस्त किया कि पुलिस प्रशासन की ओर से किसी मेंबर के खिलाफ दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी। पुलिस प्रशासन पत्रकारों का हरसंभव मदद करेगा। कलेक्टर और एसएसपी से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष गोपीनाथ डे, सचिव संदीप करिहार, कोषाध्यक्ष लोकेश वाघमारे, सहसचिव रमेश राजपूत, कार्यकारिणी सदस्य कैलाश यादव, वरिष्ठ पत्रकार रवि शुक्ला, अखलाख खान, श्याम पाठक, राकेश परिहार, मनीष शर्मा, उषा सोनी, अमित संतवानी, उत्पल सेन गुप्ता, पंकज गुप्ते, अरविद मिश्रा, संजीव सिह, शुभम श्रीवास, आशीष मौर्य,अनुज श्रीवास्तव,दिब्येंदु सरकार, शेख असलम, जिया उल्लाह खान, प्रियंका सिह, मधु खान, नीरज माखीजा, मोनू गोंड, जिया खान आदि शामिल रहे।
पत्रकारों को हर संभव मदद करेंगे: अग्रवाल
प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर और एसएसपी को अवगत कराया कि बीते दिनों समाचार कवरेज करने के दौरान प्रेस क्लब के मेंबर जिया उल्ला खान पर जानलेवा हमला हो गया था। हमलावर की पत्नी ने उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी थी। स्थिति को भांपते हुए जिया उल्ला खान ने वीडियो बना लिया तो वे बच गए। नहीं तो महिला केस में फंस जाते। हमलावर ने उन पर फावड़ा से जानलेवा हमला किया है। इसलिए उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कलेक्टर व एसएसपी ने आश्वास्त किया कि हमलावर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि यह उनका जिला है। वे यहां पहले भी रह चुके हैं। इसलिए यहां के बारे में भली-भांति जानते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जाएगी।