बिलासपुर     तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से नोडल अधिकारियों का एक दिवसीय कार्यशाला सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन दीक्षित सभा भवन में किया गया।कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों को प्रेरित करने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है और वे नाश मुक्त समाज बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। कार्यशाला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह, सीएमएचओ डॉ शुभा गढ़ेवाल व जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय टांडे मौजूद थे।

दीक्षित सभा भवन में कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि समाज हमें बहुत कुछ देता है,यदि हम अपनी भूमिका के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं, तो यही हमारी सच्ची सेवा होगी और हम समाज का ऋण चुका सकेंगे। स्कूली बच्चों को नशे से दूर रखने, उन्हें सही दिशा में प्रेरित करने और सुधार की राह पर लाने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि“बच्चों पर अधिक सजगता से ध्यान दें, उन्हें नशे की लत से बचाएं और बेहतर दिशा प्रदान करें। नशे के सौदागरों की जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। जागरूकता ही नशे से मुक्ति का सशक्त माध्यम है। ड्यूटी से आगे बढ़कर इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाएं जिससे कई परिवारों का जीवन संवरेगा। कलेक्टर ने तंबाकू नियंत्रण एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर देते हुए कहा कि हमें नशा मुक्त भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने भी नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशा कई सामाजिक बुराइयों की जड़ है और पुलिस के साथ सामाजिक संगठनों और नागरिकों को भी नशे के खिलाफ आवाज उठानी होगी, सामूहिक प्रयासों से ही नशे से समझ को दूर रखा जा सकता है। पुलिस प्रशासन द्वारा तत्परता से नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। ब्रह्मकुमारी की स्वाति दीदी ने सत्र में कहा कि नशा बहुत सी बुराइयों की जड़ है। यदि हम अपने बच्चों और समाज को इससे मुक्त कर सकें तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। कार्यशाला में विभिन्न शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए। रतनपुर के शिक्षक अशोक शर्मा और घुटकू के शिक्षक रोहित भांगे ने बताया कि उन्होंने कैसे बच्चों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी और परिवारों को भी इस दिशा में जागरूक किया। कार्यशाला में कलेक्टर ने नशा मुक्त भारत अभियान बनाने में योगदान का सभी को संकल्प दिलाया।

उल्लेखनीय है कि नशा मुक्त भारत अभियान में जिले के 400 से अधिक शिक्षक स्वेच्छा से अपनी भागीदारी निभा रहे हैं और स्कूली छात्रों को नशे से दूर रहने और सकारात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करने में अपनी भूमिका का निर्वाहन कर रहे हैं।

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