बिलासपुर स्मार्ट सिटी बिलासपुर की मुख्य सड़कों पर ठेले खोमचे वालों की बाढ़ सी आ गई। सड़कों पर यह बेतरतीब ठेला लगाकर खड़े रहते हैं और यातायात जाम कर देते है। कई बार सड़कों पर राजगीरों की भीड़ अधिक होने की वजह से उन्हें आसानी से निकलने के लिए जगह नहीं मिलती। सड़कों के ऊपर 4 फीट घेर यह ठेले वाले खड़े रहते हैं और राजगीर जब उन्हें ठेला किनारे करने कहते हैं तो उनसे दुर्व्यवहार और गुंडागर्दी पर उतर आते। इन सभी बातों की जानकारी होने के बाद भी ना तो निगम प्रशासन इन पर लगाम लगाने की कोशिश करता है और ना ही जिला प्रशासन को इससे कोई वास्ता है। ऐसे में राहगीर रोजाना ही जाम की स्थिति से निपट रहे हैं और शासन प्रशासन में बैठे अधिकारी और नेताओं को कोसते हैं।
बिलासपुर बिलासपुर शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है, और इसी के तहत इसका विकास किया जा रहा है, लेकिन सारे विकास कार्य उस समय धता हो जाते हैं जब सड़कों पर वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ता है। पूरी सड़क पर ठेले खोमचे वालों का कब्जा होता है। ये सड़कों में ऐसे बैठ जाते हैं जैसे अंगद का पर हो। ठेले वाले राजगीरों से दुर्व्यवहार और गुंडागर्दी तो करते ही है साथ ही उन्हें यह भी कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। पूरी सड़क पर इनका कब्जा है और इन पर कार्रवाई करने वाला विभाग नगर निगम खामोश होकर सारे नजारे का मजा लेता रहता है। नगर निगम हफ्ते में एक या दो दिन सड़कों पर कार्रवाई करने निकलता है लेकिन नगर निगम की टीम के आगे बढ़ते ही फिर से सड़कों पर वही ठेले वाले कब्जा जमा बैठते हैं। निगम की कार्रवाई का उन्हें जरा भी डर नहीं होता, क्योंकि यह आपस में गुट बनकर निगम कर्मचारी से विवाद करते हैं। इस मामले में निगम के बड़े अधिकारियों को जानकारी तो है लेकिन वह इन पर ठोस कार्रवाई करने की बजाए खुली छूट दे रखे हैं और यही कारण है कि शहर की जनता रोजाना ही सड़कों पर घंटो जाम में फंस रही है। शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं है जिनमे ठेले खोमचे वालों का कब्जा ना हो।
इन सड़को पर है यातायात का बुरा हाल
शहर में ठेले की बाढ़ सड़कों पर ज्यादा नजर आती है। जहां आम जनता का ज्यादा आना-जाना होता है वहा यह अपना कब्जा कर लिए है। बिलासपुर की गोल बाजार, सदर बाजार, तेलीपारा, पुराना बस स्टैंड, महाराणा प्रताप चौक, सत्यम चौक की सड़के आम राहगीरों से भरी होती है, यही ठेले वाले कब्जा जमाए यातायात को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। वैसे तो सब्जी मंडियों के बाहर इन ठेले वालों की तूती बोलती है और इनकी वजह से राहगीर परेशान रहते हैं।
पार्किंग पर होता है पहला कब्जा
शनिचरी बाजार और बृहस्पति बाजार शहर का मुख्य सब्जी मंडी है। यहां शहर वासी अपने रोजमर्रा में काम आने वाली सामान और सब्जी खरीदने पहुंचते हैं। ठेले वालों ने यहां की पार्किंग पर कब्जा कर रखा है। पार्किंग की जगह नहीं होने की वजह से सब्जी खरीदी करने आने वालों को सड़कों पर अपनी गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है। गाड़ी सड़कों पर होने का फायदा उठाते हुए यातायात विभाग भी गाड़ियों को उठाकर ले जाता है और उन्हें 500, 1000 रुपए का चालान थमा देता है। ऐसे में 200 की सब्जी खरीदने जाने वाले लोगों को वह सब्जी 500 से ज्यादा की पड़ती है। ना तो निगम ठेले वालों पर लगाम लगा पा रहा है और ना ही यातायात विभाग सड़कों से उन्हें हटाने में मददगार साबित हो रहा है।