बिलासपुर कांग्रेस नेता टाटा महाराज का जन्मदिन मंगलवार को उनके समर्थक अनोखे ढंग से मनाए। समर्थक रेहड़ी ठेले को पूरी तरह से सजाकर उसमें केक रखें और कांग्रेस नेता टाटा महाराज को शहर की सड़कों पर घूमाने उन्हें बिठाया गया और घूमते हुए उनके जन्मदिन की खुशियां मनाएं। इसी दौरान टाटा महाराज ने ठेले में बैठकर केक काटा। उनके समर्थक काफी उत्साह में नारा भी लगाते रहे। इस दौरान कांग्रेस नेता के इस अनोखी ढंग से मनाए जा रहे जन्मदिन और ठेले में घूमने के दृश्य को राहगीर आश्चर्यचकित होकर देखते रहे। शहर के राघवेंद्र राव सभा भवन से उनके जन्मदिन की रैली निकाली गई और विवेकानंद उद्यान तक ले जाया गया। इस दौरान टाटा महाराज ने ठेले में बैठे हुए केक काटा। केक भी बाजार का नहीं बल्कि घर का बना हुआ था। समर्थक उनके जन्मदिन को लेकर इतने उत्साहित थे कि वह पहले से ही सारी तैयारी कर रखी थी। जब टाटा महाराज राघवेंद्रराव सभा भवन पहुंचे तो उन्हें बधाई देने समर्थकों का ताता लगा रहा।
कांग्रेस नेता तैयारी देखकर हुए आश्चर्यचकित
टाटा महाराज का जन्मदिन मनाने उनके समर्थक कुछ अलग ही तैयारी कर रखे थे। वह रेहड़ी ठेला में चारों तरफ गुब्बारे और फूल फल से सजावट किया। इसके बाद टेबल में घर का बनाया हुआ केक रखे हुए थे और एक कुर्सी भी रखे थे। टाटा महाराज जैसे अपने घर से राघवेंद्र राव सभा भवन पहुंचे समर्थक उन्हें बधाई देते रहे, लेकिन उनकी तैयारी को देखकर टाटा महाराज आश्चर्यचकित हो गए और वो भी समर्थकों के इस तरह की उत्साह और प्यार को देखते हुए ठेले में बैठने के लिए मना नहीं कर सके और ठेले में बैठ गए। इसी के साथ ही टाटा महाराज को उनके समर्थक बड़े नेताओं की तरह लोगों का हाथ उठाकर अभिवादन करने का आग्रह किया और टाटा महाराज समर्थकों के कहे अनुसार हाथ उठाकर अभिवादन करते रहे, इस दौरान समर्थक नारा लगाते रहे, “देश का नेता कैसा हो टाटा महाराज के जैसा हो” केक काटने के बाद सभी समर्थक आपस में मिलकर केक खाए और उनके जन्मदिन को अनोखा बना दिया।
बचपन की आ गई याद
टाटा महाराज समर्थकों के इस अनोखे ढंग से उनके जन्मदिन को मानने को लेकर कहा कि भले ही यह खेल तमाशा जरूर लग रहा था, लेकिन समर्थकों का प्यार और उनके प्रति उनकी इज्जत यह दर्शाती है कि समर्थक उन्हें बहुत चाहते हैं। जब किसी के सुख-दुख में हमेशा उनके साथ खड़े रहो, तब इतना प्यार मिलता है और यह प्यार ही उनके जीवन का आधार है। टाटा महाराज ने कहा कि समर्थकों ने उन्हें एक बार फिर उनके बचपन की याद दिला दी। उन्हें लगा कि एक बार फिर वह अपना बचपन जी रहे हैं, जैसे बचपन में दोस्तों के साथ खेल-खेल में ऐसी बचपने वाले काम करते थे जो अब इस उम्र में आकर नहीं कर सकते, वह फिर से उनके सामने उनके समर्थक ले आए और उनके इस तरह के अनोखे ढंग से जन्मदिन मनाने का जो तरीका समर्थक निकले थे जिससे उन्हें अपने बचपन की यादें ताजा कर गई।