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बिलासपुर   नगरीय निकाय चुनाव का दौर जारी है, सभी दल के प्रत्याशी अपने-अपने स्तर पर चुनाव जीतने के लिए वादों का पिटारा लेकर घुम रहे हैं। सही समय पर सही मांग करने की बजाय अब मौके का फायदा उठाने नागरिक सुरक्षा मंच ने अरपा नदी के उस पार को पृथक नगर निगम बनाने की मांग की है। पत्रकार वार्ता कर मंच ने कहा कि अरपा पार जहां बिलासपुर नगर निगम के 22 वार्ड आते हैं, इन 22 वार्डों में भी चुनावी जोर अपने चरम पर है, लेकिन अरपा पार की जनता के दिलो दिमाग में यह बात बैठी हुई है कि अरपा पार को पृथक् नगर निगम का दर्जा कब मिलेगा। क्या यहां की जनता, नेताओं के झूठे आश्वासनों की केवल बाट जोहते तो नहीं रह जायेंगे, विकास से कोषों दूर उपेक्षा का दंश झेल रहे अरपा वासियों को कब और कैसे अपना अधिकार मिलेगा।

2023 के विधानसभा चुनावों में बिलासपुर विधानसभा के विधायक अमर अग्रवाल ने अपने घोषणा पत्र में विजय होने पर अरपा पार क्षेत्र को नगरीय निकाय चुनाव से पहले ही पृथक् नगर निगम का दर्जा दिलाए जाने की बात कही थी, साथ ही अपनी चुनावी सभाओं में इस बात को प्रमुखता से रखते थे कि अरपा पार के लोगों को पृथक् नगर निगम की सौगात मै चुनाव जीतने के तुरन्त बाद ही दूंगा जिसके चलते अरपा पार की जनता ने उन्हें सर आंखों पर बैठाते हुए सत्रह- अठारह हजार मतों से अरपा पार में लीड दिलाई थी। परन्तु आज सवा साल हो गए तथा नगरीय निकाय चुनाव भी हो रहे है लेकिन प्रदेश के कद्दावर नेता कहे जाने वाले विधायक जी ने अरपा पार के साथ छलावा किया है, अरपा पार को उसके अधिकारों से वंचित किया है। अब यहां की जनता कह रही है कि उनके साथ धोखा हुआ है। आश्वासन बाज नेताओं को यहां नहीं भूलना चाहिए कि जनता अगर सर आंखों पर बैठाना जानती है तो उन्हें जमीदोज करने में भी समय नहीं लगाती।

नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक पिछले 30 वर्षों से इस मांग को मुखर करने वाले अरपा पार के नेता अमित तिवारी ने स्थानीय विधायक से मांग की है कि वे अपना वादा निभाए। आश्चर्य की बात है कि वे अपने चुनाव में जिस मांग को प्रमुखता से रखा, उसी मांग पर निकाय चुनाव में उनकी चुप्पी आश्चर्यजनक है। इस मुद्दे पर उनके द्वारा कोई बात नहीं कही जा रही है। इसका सीधा मतलब है कि अरपा पार की उपेक्षा आज भी जारी है।

अरपा पार की घोर उपेक्षा एवं धोखा का खामियाजा सत्तारूढ़ पार्टी को नगरीय निकाय चुनावों में भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस चुनाव के परिणाम स्वयं ही सिद्ध कर देंगे कि जनता के साथ छलावा एवं वादा फरोशी किए जाने का परिणाम क्या होता है। उन्होंने कहा कि चुनाव के तत्काल बाद “वादा निभाओ आन्दोलन” किया जायेगा। “क्या हुआ तेरा वादा- अब नहीं सहेंगे उपेक्षा ज्यादा”

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