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बिलासपुर   विश्व कैंसर दिवस पर अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर कैंसर मरीजों जिनका पिछले दो वर्षों में अपोलो कैंसर सेंटर में ईलाज हुआ है या ईलाज जारी है, उनके परिजनों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य जांच, कैंसर के मरीजों को फ्री सेकंड ओपिनियन और डॉक्टर की सलाह पर एक निशुल्क जांच उपलब्ध करायेगा। उक्त लाभ 14.02.25 से 19.02.25 तक प्राप्त किया जा सकता है।

यूनिफाई टू नोटिफाई

भारत में कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने की अपील

अपोलो कैंसर सेंटर, आईसीएमआर, आईएमए और राज्य ऑन्कोलॉजी एसोसिएशन ने कैंसर के खिलाफ एकजुट होकर कदम बढ़ाया

बिलासपुर, 4 फरवरी 2025: अपोलो कैंसर सेंटर्स ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और राज्य ऑन्कोलॉजी एसोसिएशन के सहयोग से यूनिफाई टू नोटिफाई’ नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य भारत सरकार से कैंसर को एक अधिसूचित रोग (Notifiable Disease) के रूप में वर्गीकृत करने की अपील करना है। यह कदम देश में कैंसर की चुनौती से निपटने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।

कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने से होने वाले लाभ:

भारत में हर साल 14 लाख से अधिक नए कैंसर मामले दर्ज किए जाते हैं, और 2025 तक यह संख्या 15.7 लाख तक पहुंचने की संभावना है। यदि कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित किया जाता है, तो इसके कई फायदे होंगे:

वास्तविक समय (Real-time) में डेटा संग्रह और सटीक रिपोर्टिंग सुनिश्चित होगी, जिससे रोग की वास्तविक स्थिति स्पष्ट रूप से समझी जा सकेगी।

महामारी विज्ञान (Epidemiological Analysis) के आधार पर मानकीकृत उपचार प्रोटोकॉल विकसित किए जा सकेंगे और लक्षित हस्तक्षेप रणनीतियां बनाई जा सकेंगी।

कैंसर उपचार की सटीकता, दक्षता और पहुंच में सुधार होगा, जिससे भारत वैश्विक ऑन्कोलॉजी अनुसंधान और देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।

कैंसर को अधिसूचित रोग बनाने की संसदीय सिफारिश

2022 में, संसदीय स्थाई समिति (Parliamentary Standing Committee) ने राज्यसभा में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने की सिफारिश की गई थी।

विशेषज्ञों के विचार

डॉ. विनोद तिवारी, सहायक राष्ट्रीय सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), ने कहा:

“आईएमए इस पहल के साथ मजबूती से खड़ा है। कैंसर को अधिसूचित करने से हमारे कैंसर निगरानी तंत्र (Cancer Surveillance System) में मौजूद कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी और विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा। अपोलो कैंसर सेंटर्स ने हमेशा व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, और यह कदम हमें कैंसर देखभाल को और अधिक उन्नत करने में मदद करेगा।”

डॉ. अमित वर्मा, वरिष्ठ कंसल्टेंट, ऑन्कोलॉजी, ने कहा:

“कैंसर को अधिसूचित रोग बनाने से राज्य स्तर पर कैंसर के रुझानों (Cancer Patterns) की गहरी समझ विकसित होगी। इससे हमें विभिन्न क्षेत्रों में कैंसर के प्रकार और जोखिम कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिससे प्रभावी रोकथाम कार्यक्रम विकसित किए जा सकें।”

एक प्रश्न के उत्तर में डॉ वर्मा ने बताया कि कैंसर के इलाज में सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि ईलाज किस स्टेज में आरंभ हो रहा है। प्रथम व द्वितीय चरण के कैंसर में उपचार होने पर स्वस्थ होने की संभावना प्रबल होती है।

डॉ. सार्थक मोहरीर कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी ने कहा:

“यह एक क्रांतिकारी कदम होगा, जो भारत में कैंसर देखभाल के तरीके को पूरी तरह से बदल देगा। यदि प्रत्येक कैंसर मामले का दस्तावेजीकरण किया जाए, तो इससे संसाधनों का अधिक कुशलता से आवंटन किया जा सकेगा और लक्षित उपचार योजनाएं बनाई जा सकेंगी।”

डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, अपोलो कैंसर सेंटर, बिलासपुर, ने कहा:

“अपोलो कैंसर सेंटर में हम कैंसर उपचार को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक ओर, हम सरकार से कैंसर को अधिसूचित रोग बनाने का आग्रह कर रहे हैं, और दूसरी ओर, हम प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष पहल कर रहे हैं, जैसे—कैंसर मरीजों जिनका पिछले दो वर्षों में अपोलो कैंसर सेंटर में ईलाज हुआ है या ईलाज जारी है, उनके परिजनों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच,  मरीजों को फ्री सेकंड ओपिनियन और डॉक्टर की सलाह पर  एक नि:शुल्क जांच।”

कैंसर को अधिसूचित रोग बनाने की वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति

वर्तमान में भारत के 15 राज्यों—हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, मिज़ोरम, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, मणिपुर और राजस्थान—ने पहले ही कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित कर दिया है। हालांकि, इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है।

दुनियाभर में 12 से अधिक देशों—अमेरिका, इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड, डेनमार्क, नॉर्डिक देश, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, इसराइल, क्यूबा, प्यूर्टरिको और गाम्बिया ने कैंसर की अनिवार्य रिपोर्टिंग को मान्यता दी है।

30 वर्षों से कैंसर रोगियों के जीवन में आशा की किरण

आज कैंसर देखभाल का अर्थ है 360-डिग्री संपूर्ण देखभाल, जिसके लिए प्रतिबद्धता, विशेषज्ञता और कैंसर विशेषज्ञों की अदम्य भावना की आवश्यकता होती है।

अपोलो कैंसर सेंटर बिलासपुर, सन् 2013 में अपने स्थापना से अब तक लगभग   26000 कीमोथेरेपी, 5000 सर्जरी व 43000 रेडियेशन सिटिंग संपन्न कर चुका है।

आज कैंसर देखभाल का अर्थ है 360.डिग्री संपूर्ण देखभाल जिसके लिए प्रतिबद्धताएं विशेषज्ञता और कैंसर विशेषज्ञों की अदम्य भावना की आवश्यकता होती है।

अपोलो कैंसर सेंटर भारत में फैले अपने नेटवर्क के माध्यम से 390 से अधिक अंकोलजिस्ट की टीम के साथ अत्याधुनिक कैंसर उपचार प्रदान करता है।

हमारा अंग.आधारित (Organ-based) कैंसर उपचार मॉडल कैंसर प्रबंधन टीमों के कुशल मार्गदर्शन में उच्च.गुणवत्ता वाली सेवाए सुनिश्चित करता है।

147 देशों के मरीज कैंसर उपचार के लिए अपोलो कैंसर सेंटर पर भरोसा करते हैं।

दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व का पहला पेंसिल बीम प्रोटॉन थेरेपी सेंटर भी अपोलो कैंसर सेंटर में स्थित है।

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