बिलासपुर   बिलासपुर छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में इस बार दशहरा पर्व पर रावण दहन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सरकंडा स्थित साइंस कॉलेज मैदान, जो अब तक अरपांचल लोक मंच समिति के आयोजनों का केंद्र रहा है, वहां इस बार प्रशासन ने किसी और को परमिशन दे दी है। इसी फैसले के बाद मंच के पदाधिकारी भड़क गए हैं और उन्होंने इसे “द्वेषपूर्ण व दबाव की राजनीति” करार दिया है।

अरपांचल लोक मंच समिति के अध्यक्ष सिद्धांशु मिश्रा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए, मिश्रा ने कहा कि मंच कई वर्षों से साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है, लेकिन इस बार अचानक से मैदान का आवंटन सिद्धार्थ भारती नामक व्यक्ति को कर दिया गया।

मिश्रा का कहना है कि मंच ने समय रहते आवेदन किया था, फिर भी कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन ने दूसरे आवेदन को स्वीकार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि “प्रशासन और पुलिस दबाव में काम कर रही है और दबाव डालने वाला चेहरा जल्द ही सामने लाया जाएगा।”

सिद्धांशु मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि “भले ही जेल जाना पड़े, लेकिन रावण दहन वहीं होगा। हम प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से भी मुलाकात करेंगे।”

अरपांचल लोक मंच समिति ने यह भी सवाल उठाया कि जब एक आवेदन पहले से लिया गया था तो कॉलेज प्रबंधन ने दूसरा आवेदन क्यों स्वीकार किया? मिश्रा ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और चेतावनी दी कि अगर प्रशासन अपने निर्णय पर अडिग रहा तो संघर्ष तेज होगा।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस विवादित हालात में क्या रुख अपनाता है,क्या परंपरा को जारी रखते हुए अरपांचल लोक मंच को अनुमति देगा, या इस बार मैदान में किसी नए आयोजनकर्ता को बढ़त मिलेगी।

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