बिलासपुर    प्रेसक्लब और विपश्यना केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ “आनापान ध्यान अभ्यास एवं विपश्यना ध्यान परिचय” कार्यक्रम। जीवन जीने की कला है विपश्यना : सीताराम साहू

बिलासपुर   प्रेसक्लब बिलासपुर और विपश्यना केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारों और मीडिया जगत से जुड़े प्रबुद्ध वर्ग को मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मसंतुलन की दिशा में प्रेरित करने के उद्देश्य से बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब ट्रस्ट भवन में दोपहर “आनापान ध्यान अभ्यास एवं विपश्यना ध्यान परिचय” विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकार, सदस्यगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ के चार विपश्यना ध्यान केंद्रों के केंद्र आचार्य सीताराम साहू द्वारा किया गया। उन्होंने उपस्थित पत्रकारों को विपश्यना ध्यान के प्रथम सोपान आनापान ध्यान का व्यवहारिक अभ्यास करवाया और इसके माध्यम से मन को एकाग्र करने की प्रक्रिया समझाई। साहू ने बताया कि विपश्यना ध्यान कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि “जीवन जीने की कला” है, जो व्यक्ति को अपने भीतर झाँकने और मानसिक शुद्धि प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर करती है। उन्होंने कहा कि विपश्यना ध्यान का अभ्यास व्यक्ति को अपने मानसिक, भावनात्मक एवं शारीरिक विकारों से मुक्त करने में सहायक है। यह विधा मनुष्य को क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों से दूर कर समता और करुणा के मार्ग पर चलना सिखाती है। विपश्यना के माध्यम से व्यक्ति आत्म-संयम और आत्म-जागरूकता के साथ जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना सहजता से कर सकता है। आचार्य श्री साहू ने जानकारी दी कि विपश्यना ध्यान शिविर देशभर में निशुल्क संचालित किए जाते हैं। वयस्कों के लिए दस दिवसीय शिविर, बच्चों (8 से 15 वर्ष) के लिए बाल आनापान ध्यान शिविर तथा किशोर-किशोरियों (15 से 19 वर्ष) के लिए किशोर विपश्यना शिविर नियमित रूप से आयोजित होते हैं। भारत सरकार के कई उपक्रम, विभिन्न राज्य सरकारें और निजी संस्थान भी अपने कर्मचारियों को इन शिविरों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिससे कार्यस्थल पर उत्पादकता और मानसिक संतुलन बढ़ता है। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित पत्रकारों ने भी ध्यान अभ्यास में सक्रिय भागीदारी निभाई और अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि दैनिक जीवन में तनाव, समय का दबाव और निरंतर मानसिक सक्रियता के बीच इस तरह का ध्यान अभ्यास बेहद आवश्यक और लाभकारी है। इस अवसर पर बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिलीप यादव, उपाध्यक्ष गोपीनाथ डे, सचिव संदीप करिहार, कोषाध्यक्ष लोकेश वाघमारे, सह सचिव रमेश राजपूत और कार्यकारिणी सदस्य कैलाश यादव, वरिष्ठ पत्रकार राजेश दुआ, गणेश विश्वकर्मा, पवन सोनी, सत्येंद्र वर्मा, रमा धीमान, भारती यादव, प्रियंका ठाकुर, पंकज गुप्ते, ऊषा सोनी, छवि कश्यप, ज़िया खान, रोशन वैद्य, जेपी अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे। सभी ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आध्यात्मिक और आत्मविकास आधारित कार्यक्रमों से समाज के बौद्धिक वर्ग को नई ऊर्जा और सकारात्मक दिशा मिलती है। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब पदाधिकारियों ने आचार्य सीताराम साहू का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे प्रेरणादायी आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने की बात कही।

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