बिलासपुर छत्तीसगढ़ कांति के अध्यक्ष अमित बघेल के द्वारा एक बयान विडियों के माध्यम से रिकार्ड करके यू-ट्यूब एवं अन्य इलेक्ट्रानिक मिडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित किया गया है और विडियों में अमित बघेल के द्वारा सिंधी समाज और उनके इष्टदेव वरूण देव झूलेलाल महाराज जी के विरूद्ध अभद्र एवं अपमानजनक टिप्पणी की जा रही है। इस विडियों में सिंधी समाज को “पाकिस्तानी” कह कर संबोधित किया जा रहा है। सिंधी समाज मूलतः जिस सिंध प्रांत से अपना उद्गम रखता है वह सदियों से भारत के स्वतंत्रता के इतिहास में आचार्य जे. बी. कृपलानी जैसे गांधीवादी संबंध रखते है। भारत के विभाजन से सनातन संस्कृति एवं अखण्ड भारत का हिस्सा रहा सिंधी समाज द्वारा अनुकरणीय योगदान किया गया है। नेता एवं अमर शहीद हेमु कालानी सिंधी समाज से ही समय अपनी मूल भूमि सिंध प्रांत को त्यागकर सिंधी समाज अपनी मातृभूमि भारत के शेष हिस्सों में आकर बसा एवं अपनी ईमानदारी, कडी मेहनत एवं निष्ठा से वह सब दुबारा अर्जित किया जिसे विभाजन की विभिषिका ने उन सबसे छीन लिया था। सिंधी समाज के द्वारा भारत के आर्थिक, इसके बावजूद अमित सामाजिक एवं सांस्कृतिक उन्नति में अभूतपूर्ण योगदान दिया गया है। बघेल एवं उनके जैसे पतनशील मानसिकता के लोगों द्वारा सिंधी समाज को पाकिस्तानी संबोधित किया जाना न केवल अभद्र, अपमानजनक एवं पीड़ादायक है। अमित बघेल एवं उनके जैसे व्यक्तियों की विभाजनकारी मानसिकता एवं उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है।
अमित बघेल के द्वारा सिंधी समाज के ईष्टदेव झूलेलाल भगवान के विरूद्ध भी वृहत एवं अभद्र टिप्पणी की गई है, जबकि झूलेलाल भगवान हिन्दू समाज के पंचदेवों में से एक वरूणदेव का ही अवतार है। अमित बघेल के इस बयान से सिंधी समाज की धार्मिक भावनाएं अत्यंत तीक्ष्ण रूप से आहत हुई है। अमित बघेल द्वारा जारी विडियों एवं उसके द्वारा दिया गया बयान समाज के वर्गों के मध्य वैमन्स्य को बढाने वाला एवं विभाजनकारी है। यदि अमित बघेल एवं उनके जैसी मानसिकता रखने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कडी अपराधिक दण्डात्मक कार्यवाही नही की गई तो यह समाज को बांटकर रख देगी एवं वर्ग संघर्ष को जन्म देगी। अमित बघेल के द्वारा सआशम सिंधी समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से उक्त विडियों एवं उसमें उसका बयान रिकार्ड कर यू-ट्यूब एवं अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित किया गया है। अमित बघेल का उक्त कृत्य सआशम एवं दुर्भावना पूर्वक सिंधी समाज की धार्मिक भावनाओं एवं धार्मिक प्रतिकों को आघात पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है। अमित बघेल का यह कृत्य समाज के वर्गो के मध्य धर्म निवास एवं भाषा के आधर पर शत्रुतों को बढावा देने वाला है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही किया जा सकता है। अमित बघेल के द्वारा किया गया उपरोक्त कृत्य वर्णित कृत्य भारतीय न्याय संहिता हुए अमित 2023 की धारा 196, 298 एवं 302 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है जिसका संज्ञान लेते बघेल के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर कडी कार्यवाही की जाये। इस हेतु यह ज्ञापन सादर प्रस्तुत है।

